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मुंबई/ठाणे: महाराष्ट्र में महायुति की महाजीत के बाद करीब 100 घंटे बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री की कुर्सी से दावा छोड़ दिया है। ठाणे में एक प्रेस कांफ्रेंस में शिंदे ने ऐलान किया है एनडीए के शीर्ष नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह जो फैसला लेंगे। उन्हें और उनकी पार्टी को मंजूर होगा। सीएम शिंदे ने खुद को महाराष्ट्र का लाडला भाई बताते हुए कहा कि उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह को आश्वस्त किया है कि शिवसेना की वजह से सरकार बनने में कोई बाधा नहीं आएगी। शिंदे के सीएम की कुर्सी पर दावा छोड़ने के बाद अब देवेंद्र फडणवीस की वापसी तय मानी जा रही है।
शिंदे की तरफ क्या रखी गई शर्त?
सूत्रों की मानें महायुति में अंदरखाने चीजें तय होने के बाद ही एकनाथ शिंदे ने प्रेस कांफ्रेंस की। संसद के सत्र के बीच दिल्ली में आज सुबह राष्ट्रवादी काग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल और सुनीत तटकरे ने अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।। शिंदे गुट के सभी सांसदों ने भी गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो शिंदे की तरफ नई सरकार में गृह विभाग देने की मांग की गई है। महायुति 1.0 में यह विभाग डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने पास रखा था। इसके अलावा सीएम शिंदे ने कुछ और महत्वपूर्ण विभाग पार्टी को मिलने की मांग की है। फडणवीस के पास गृह के साथ कानून और न्याय के साथ जल संसाधन, कमांड एरिया डेवलपमेंट के अलावा एनर्जी और प्रोटोकॉल के विभाग थे।इतना ही अन्य शर्तें राज्य में होने वाले महानगर पालिका चुनावों से जुड़ी हैं।
शिंदे ने नहीं खोले पूरे पत्ते
सीएम शिंदे अपने गृहनगर ठाणे में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। सीएम शिंदे कई मौकों पर भावुक दिखे। उन्होंने कहा कि उन्होंने ढ़ाई साल में 10 साल जितना काम किया। उन्होंने बार-बार पीएम मोदी और अमित शाह का आभार व्यक्त किया और खुद को कॉमनमैन के तौर पर पेश किया। सूत्रों की मानें तो शिवसेना को महायुति 2.0 सरकार में कई अहम मंत्रालय मिल सकते हैं। शिंदे के सीएम की रेस से हटने के बाद अब तय है कि डिप्टी सीएम का पद शिवसेना को मिलेगा। अब देखना यह है कि शिवसेना की ओर डिप्टी सीएम कौन बनता है। सरकार में फॉर्मूला एक सीएम दो डिप्टी सीएम का रहने की उम्मीद है। एकनाथ शिंदे जब प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे तब उनके करीबी दादा भुसे वहीं मौजूद थे। दादा भुसे के अलावा शंभूराज देसाई का नाम भी चर्चा में है। अभी तक महायुति 2.0 का जो फॉर्मूला सामने आया है। उसके अनुसार 22 मंत्री बीजेपी, 12 शिवसेना और 10 मंत्री अजित पवार की पार्टी को मिलेंगे।
शिंदे की तरफ क्या रखी गई शर्त?
सूत्रों की मानें महायुति में अंदरखाने चीजें तय होने के बाद ही एकनाथ शिंदे ने प्रेस कांफ्रेंस की। संसद के सत्र के बीच दिल्ली में आज सुबह राष्ट्रवादी काग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल और सुनीत तटकरे ने अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।। शिंदे गुट के सभी सांसदों ने भी गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो शिंदे की तरफ नई सरकार में गृह विभाग देने की मांग की गई है। महायुति 1.0 में यह विभाग डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने अपने पास रखा था। इसके अलावा सीएम शिंदे ने कुछ और महत्वपूर्ण विभाग पार्टी को मिलने की मांग की है। फडणवीस के पास गृह के साथ कानून और न्याय के साथ जल संसाधन, कमांड एरिया डेवलपमेंट के अलावा एनर्जी और प्रोटोकॉल के विभाग थे।इतना ही अन्य शर्तें राज्य में होने वाले महानगर पालिका चुनावों से जुड़ी हैं।
शिंदे ने नहीं खोले पूरे पत्ते
सीएम शिंदे अपने गृहनगर ठाणे में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। सीएम शिंदे कई मौकों पर भावुक दिखे। उन्होंने कहा कि उन्होंने ढ़ाई साल में 10 साल जितना काम किया। उन्होंने बार-बार पीएम मोदी और अमित शाह का आभार व्यक्त किया और खुद को कॉमनमैन के तौर पर पेश किया। सूत्रों की मानें तो शिवसेना को महायुति 2.0 सरकार में कई अहम मंत्रालय मिल सकते हैं। शिंदे के सीएम की रेस से हटने के बाद अब तय है कि डिप्टी सीएम का पद शिवसेना को मिलेगा। अब देखना यह है कि शिवसेना की ओर डिप्टी सीएम कौन बनता है। सरकार में फॉर्मूला एक सीएम दो डिप्टी सीएम का रहने की उम्मीद है। एकनाथ शिंदे जब प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे तब उनके करीबी दादा भुसे वहीं मौजूद थे। दादा भुसे के अलावा शंभूराज देसाई का नाम भी चर्चा में है। अभी तक महायुति 2.0 का जो फॉर्मूला सामने आया है। उसके अनुसार 22 मंत्री बीजेपी, 12 शिवसेना और 10 मंत्री अजित पवार की पार्टी को मिलेंगे।
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